पुलिस ने शहर की पॉश सोसाइटी यूनिक टॉवर में हुए दोहरे हत्याकांड का शुक्रवार को खुलासा कर दिया है। मंगलवार को फ्लैट में इंडियन ऑयल के मैनेजर रोहित तिवारी की पत्नी श्वेता और उसके 21 महीने के बेटे श्रीयम को अगवा किया गया था। अगले दिन अपार्टमेंट के पीछे जंगल में बेटे की लाश मिली थी। पुलिस ने इस हत्याकांड के सूत्रधार पति रोहित तिवारी और कांट्रेक्ट किलर सौरभ सिंह उर्फ राजसिंह चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। हत्या के पीछे की वजह रोहित और श्वेता के बीच अनबन थी। ऐसे में रोहित आए दिन श्वेता से मारपीट करता था। 5 जनवरी को रोहित ने अपने ससुराल फोन कर श्वेता की हत्या करने की धमकी तक दे डाली थी। पुलिस पूछताछ में आरोपी रोहित ने बताया कि वह अपनी जिंदगी की पूरी बैक हिस्ट्री को ही डिलीट करना चाहता था। इसलिए पत्नी के साथ बेटे की हत्या भी करवा दी। 4 सवाल के जवाब में जानिए इस डबल मर्डर की पूरी कहानी-
सवाल 1: रोहित ने क्यों रची पत्नी व बेटे की हत्या की साजिश
जवाब: पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक रोहित ने पूछताछ में बताया कि उसका एक महिला से अफेयर था। वह उससे शादी कर जिंदगी को नए सिरे से शुरू करना चाहता था। उसने यह बताया कि वह एक ट्रेडिशनल फैमिली से आता है। ऐसे परिवार में यदि बच्चा पहले से है तो दोबारा शादी होना मुश्किल है। रोहित ने यह भी कहा कि वह अपनी जिंदगी की पूरी बैक हिस्ट्री को ही डिलीट करना चाहता था। शादी के पहले दिन से पति पत्नी व उनके परिवारों के बीच वैचारिक मनमुटाव शुरु हो गया था। जो कि शादी के 7 साल बाद भी बढ़ता ही रहा। ऐसे में दूसरी शादी रचाने के लिए पत्नी श्वेता के साथ अपने डेढ़ साल के बच्चे श्रीयम की हत्या की साजिश रची।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि हत्या के बाद सभी संदेह पति रोहित की तरफ जा रहे थे। लेकिन कोई आदमी पत्नी से विवाद में 21 माह के बच्चे का मर्डर क्यों करेगा? इस सवाल का जवाब नहीं मिल रहा था। पत्नी के साथ मासूम बच्चे की हत्या बहुत ही दुर्लभ केस है। लेकिन कांट्रेक्ट किलर सौरभ उर्फ राजसिंह के पकड़े जाने पर बुधवार देर रात तीन दिन से पुलिस हिरासत में मौजूद रोहित तिवारी ने सारे खुलासे कर दिए।
सवाल 2: कैसे दिया डबल मर्डर की साजिश को अंजाम
जवाब: कमिश्नर ने बताया करीब एक माह से रोहित, श्वेता और बेटे श्रीयम की हत्या करवाकर रास्ते से हटवाने की सोच रहा था। पड़ताल के दौरान रोहित के मोबाइल फोन में एक अखबार की न्यूज कटिंग नजर आई। यह खबर एक महिला की हत्या कर पति द्वारा खुदकुशी करने की थी। रोहित ने 22 दिसंबर को न्यूज की फोटो खींचकर मोबाइल में सेव की थी। ऐसे में लगा कि यह पत्नी की हत्या के बारे में सोच रहा था।
23 दिसंबर को आईओसीएल परिसर, एयरपोर्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरे के वायर प्लग को रोहित ने बहुत ही चालाकी से निकाल दिया। ये कैमरे 7 जनवरी तक बंद पड़े थे। लेकिन रोहित की जानकारी में नहीं था कि और भी कैमरे यहां लगे हैं। ऐसे में 22 और 23 दिसंबर तक रोहित ने पत्नी व बेटे की हत्या का पक्का इरादा बना लिया था।
सवाल 3: हत्या की साजिश में सौरभ कैसे शामिल किया
जवाब: कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि हत्या की साजिश के लिए रोहित ने उदयपुर में पोस्टिंग के दौरान आईओसीएल के कर्मचारी आगरा निवासी हरिसिंह से बातचीत की। पुराना परिचित होने से रोहित को हरिसिंह पर काफी विश्वास था। वह उसे पक्का दोस्त मानता था। तब हरिसिंह ने रोहित को सलाह देते हुए कहा कि तुम इस काम के लिए उसके साले सौरभ से संपर्क करो। वह जयपुर में ही रहता है। तुम उसे पहचानते भी हो। सौरभ इस काम को कर सकता है या फिर किसी अन्य से करवा भी सकता है।
तब रोहित ने सौरभ से बातचीत कर 3 जनवरी को एयरपोर्ट के पास होटल फ्लाइट व्यू बुलाया। वहां रोहित और सौरभ ने साथ बैठकर हत्या के तरीके की प्लानिंग की। उसी दिन यह तय हुआ था कि सौरभ 7 जनवरी को किस तरह श्वेता और श्रीयम की हत्या को अंजाम देगा। 7 जनवरी को किसी को रोहित पर शक नहीं हो। ऐसे में वह दिनभर अपने ऑफिस में मीटिंग में व्यस्त रहा। आखिरकार, शाम करीब 5 बजकर 40 मिनट हत्या की खबर मिलने पर वह घर पहुंचा और फिर मोबाइल फोन पर बेटे के अपहरण और 30 लाख रुपए फिरौती की मांग का मैसेज कर ड्रामा किया। मामले में हरिसिंह से भी पूछताछ की जाएगी। उसे जल्द ही पकड़ा जाएगा।
सवाल 4: कैसे हुआ डबल मर्डर का खुलासा
जवाब: एडिशनल पुलिस कमिश्नर अशोक गुप्ता व डीसीपी (पूर्व) राहुल जैन के निर्देशन में डबल मर्डर का खुलासा करने के लिए एडिशनल डीसीपी मनोज चौधरी, एसीपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ व पूनमचंद विश्नोई सहित 150 पुलिसकर्मियों की टीम पड़ताल में जुटी। पिछले 6 माह में अपार्टमेंट में आई ब्लॉक में आने वाले लोगों की सूची खंगाली गई। वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से देखा गया। हत्या के बाद 7 जनवरी को सांगानेर में जिस दुकान से मोबाइल फोन खरीदा। वहां आसपास के सीसीटीवी फुटेज देखें। इनमें सौरभ एक जगह नजर आया। तब पता चला कि उसका रोहित तिवारी के घर आना जाना था।
इसके अलावा वारदात के बाद 3 दिन जहां भी श्वेता के मोबाइल फोन की सिम एक्टिवेट रही। जहां से मैसेज भेज गए। वहां की लोकेशन लगातार सर्च की गई। तब गुरुवार देर शाम को सौरभ पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वह थोड़ी देर में ही टूट गया और रुपयों के लालच के लिए रोहित के कहने पर श्वेता व श्रीयम की हत्या की बात कबूली। गुरुवार रात 2 बजे पुलिस ने केस से पर्दा उठा दिया और रोहित व सौरभ उर्फ राजसिंह चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम में एडिशनल डीसीपी क्राइम विमल सिंह नेहरा, मालवीय नगर थानाप्रभारी अरुण पूनियां, सांगानेर थानाप्रभारी नेमीचंद, प्रताप नगर थानाप्रभारी पुरूषोत्तम महरिया, लालकोठी रायसल सिंह, आदर्शनगर थानाप्रभारी अरुण माच्या व सायबर सेल, सीआईयू टीम भी शामिल रही।