शहर के प्रताप नगर इलाके में 7 जनवरी की श्वेता और डेढ़ साल के बेटे श्रीयम की हत्या की साजिश पति रोहित तिवारी ने रची थी। वारदात के तीन दिन बाद देर रात पुलिस ने भरतपुर निवासी और फिलहाल जयपुर के सांगानेर में रह रहे सुपारी किलर सौरभ उर्फ राजसिंह चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में सौरभ ने खुलासा किया कि आगरा निवासी उसके रिश्तेदार हरिसिंह के मार्फत करीब डेढ़ साल पहले उदयपुर में रोहित तिवारी से मुलाकात हुई थी। इसके बाद उनका एक दूसरे के घर आना जाना शुरू हुआ।
पारिवारिक दोस्ती इस कदर बढ़ी कि जयपुर में पोस्टिंग के बाद रोहित के यूनिक अपार्टमेंट स्थित फ्लैट पर सौरभ चौधरी आने लगा। वहीं, रोहित व उसकी पत्नी श्वेता भी कुछेक बार सौरभ के सांगानेर स्थित घर पर गए थे। ऐसे में सौरभ व रोहित के परिवार में अच्छी बॉडिंग थी। इसी का फायदा उठाकर रोहित ने अपने परिचित हरिसिंह चौधरी के भतीजे सौरभ उर्फ राजसिंह से मुलाकात कर हत्या की सुपारी दी। एडवांस में 10 हजार रुपए दिए और फिर 3 जनवरी को एयरपोर्ट के पास होटल फ्लाइट व्यू में हत्या की अंतिम योजना बनाई।
चेहरे पर कपड़ा बांधे अपार्टमेंट में घुसा और रोहित के फ्लैट तक पहुंचा सौरभ
एडिशनल डीसीपी (पूर्व) मनोज चौधरी के मुताबिक, 7 जनवरी को दोपहर 2 बजे सुपारी किलर सौरभ बाइक लेकर यूनिक अपार्टमेंट पहुंचा। जहां उसने बाहर बाइक खड़ी कर चेहरे पर कपड़ा बांधा और नजर बचाते हुए रोहित के फ्लैट नंबर 103 तक पहुंचा। यहां डोर बजने पर श्वेता ने दरवाजा खोला। सौरभ से अच्छी मुलाकात होने पर उसे अंदर आने दिया। इसके बाद श्वेता ने सौरभ के लिए चाय बनाई। नाश्ते में बिस्कुट भी दिए। तब चाय बिस्कुट खा पीकर सौरभ ने मौके का इंतजार किया।
गला काटकर श्वेता को मार डाला, फिर श्रीयम की जान ली
सौरभ ने पूछताछ में बताया कि ज्यों ही, श्वेता कमरे में मौजूद बेटे श्रीयम को संभालने गई। तभी वह रसोई घर से लोहे की मुसली ले आया। उसने मौका पाते ही बहुत तेज ताबड़तोड़ वार श्वेता के सिर व जबड़े पर किए। उसकी आंखों के नीचे भी नुकीली वस्तु से घाव किया। इससे श्वेता संभल नहीं सकी। वह बेड पर गिर पड़ी। इसके बाद सौरभ ने उसका गला भी दबाया। वारदात के बाद बच्चा श्रीयम रोने लगा। तभी सौरभ ने बेरहमी से उसका भी गला दबा दिया। उसके सिर पर भी मूसली से वार किए। इससे श्रीयम की भी मौत हो गई।
बच्चे का चादर में लपेटकर ले गया
डीसीपी राहुल जैन के मुताबिक, श्वेता व श्रीयम की हत्या के बाद सौरभ करीब 20 से 25 मिनट फ्लैट में ठहरा रहा। फिर उसने चाकू से श्वेता का गला भी काट दिया। ताकि वह कैसे भी जिंदा नहीं बच सके। वारदात के बाद उसने एक चादर में मासूम श्रीयम का शव लपेटा और फ्लैट से निकलकर ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग की तरफ बने पिछले हिस्से में आ गया। यहां से सौरभ को बच्चे के शव को कहीं और ले जाकर छिपाना था। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया।
पकड़े जाने के डर से बच्चे के शव को जंगल में फेंका
जब सौरभ उस बच्चे के शव को लेकर निकला। तब उसे लगा कि दूर तक कहीं जाऊंगा तो हो सकता है पकड़ा जाऊं। तब सौरभ ने बच्चे की लाश को अपार्टमेंट के पिछले हिस्से में बनी बाउंड्रीवॉल के पीछे जंगल में फेंक दिया। सौरभ के मन में था कि जिस जगह बच्चे की लाश को फेंका है। वह सुरक्षित है। वहां कोई देख नहीं सकेगा। ऐसे में वह समय मिलने पर रात को अंधेरे के वक्त गड्ढा खोदकर बच्चे के शव को दफना देगा। लेकिन सौरभ को यह अंदाजा नहीं था कि गायब बच्चे को तलाश करने के लिए 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी पूरे एरिया को सर्च में कवर कर लेंगे।
रोहित ने कहा था फिरौती के मैसेज भेजते रहना
ऐसे में पुलिस की सर्च गतिविधि बढ़ने से सौरभ श्रीयम के शव को रात के वक्त दफना नहीं सका। रोहित ने प्लान रचा था कि तुम बच्चे को कहीं भी छिपाकर या उसके शव को जमीन में दफनाकर उसके अपहरण व फिरौती के लिए मैसेज भेजते रहना। किसी को शक नहीं होगा और पुलिस व परिजन यही समझें कि अपहरण व फिरौती वसूलने के लिए श्वेता की हत्या की गई है। लेकिन लगातार मैसेज भेजने व श्वेता के मोबाइल फोन की सिम एक्टिवेट रहने से उसकी लोकेशन का पुलिस पीछा करते गई और सौरभ को दबोच लिया।
आईवीएफ तकनीक से हुआ था बेटे का जन्म
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि शादी के सात साल तक रोहित और श्वेता को बच्चा नहीं हुआ था। ऐसे में दंपती ने सहमति से आईवीएफ तकनीक से बच्चे को जन्म देने का निर्णय लिया। इसके लिए रोहित ने श्वेता का इलाज करवाया। उनके 21 माह पहले एक बेटे का जन्म हुआ। परिजनों का कहना है कि बेटे के जन्म के बाद रोहित बेहद खुश था। लेकिन, वह पत्नी के साथ ही मासूम बेटे की सांसें छीन लेगा। ऐसा उन्होंने कभी नहीं सोचा था। रोहित ने केमिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है।